क्या आपको पता है कि "अपना उल्लू सीधा करना" मुहावरा हम क्यों बोलते हैं? उल्लू तो बेचारा गोल-मटोल सीधा-सादा प्राणी है, हम कम बुद्धि वाले लोगों को भी उल्लू कह देते हैं, निरे मूर्ख व्यक्ति को काठ का उल्लू कहा जाता है, क्योंकि वह तो स्थिर होता ही है, उसे सीधा या टेढ़ा करने की ज़रुरत नहीं होती।
अब कल्पना कीजिये कि आप बैठे हैं। आपके ठीक सामने एक उल्लू बैठा है। वह उल्लू आपकी ओर नहीं देख रहा क्योंकि उसकी गर्दन किसी और तरफ है। वैसे उल्लू के गर्दन नहीं होती, इसलिए हम कहेंगे कि उसका मुंह दूसरी तरफ है। अब आप आँखें बंद कर लीजिये, और सोचिये कि उल्लू चल पड़ा।
बस, यहीं आपकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा है। चतुर-सुजान लोग तुरंत भांप लेते हैं कि उल्लू का मुंह उनकी तरफ नहीं है, इसलिए वह उनकी ओर नहीं, बल्कि किसी और दिशा में जा रहा होगा।
अब सोचिये, उल्लू किसकी सवारी है? "लक्ष्मी जी" की।
इसका अर्थ यह हुआ कि लक्ष्मी जी आपकी ओर नहीं, बल्कि किसी और दिशा में जा रही हैं। झटपट आँखें खोलिए, और "उल्लू को सीधा" कीजिये, ताकि वह आपकी ओर ही आये। वह आयेगा, तो लक्ष्मी जी को लाएगा।
अब क्या आपको यह भी बताना पड़ेगा, कि लक्ष्मी के आने का क्या अर्थ होता है?
अब कल्पना कीजिये कि आप बैठे हैं। आपके ठीक सामने एक उल्लू बैठा है। वह उल्लू आपकी ओर नहीं देख रहा क्योंकि उसकी गर्दन किसी और तरफ है। वैसे उल्लू के गर्दन नहीं होती, इसलिए हम कहेंगे कि उसका मुंह दूसरी तरफ है। अब आप आँखें बंद कर लीजिये, और सोचिये कि उल्लू चल पड़ा।
बस, यहीं आपकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा है। चतुर-सुजान लोग तुरंत भांप लेते हैं कि उल्लू का मुंह उनकी तरफ नहीं है, इसलिए वह उनकी ओर नहीं, बल्कि किसी और दिशा में जा रहा होगा।
अब सोचिये, उल्लू किसकी सवारी है? "लक्ष्मी जी" की।
इसका अर्थ यह हुआ कि लक्ष्मी जी आपकी ओर नहीं, बल्कि किसी और दिशा में जा रही हैं। झटपट आँखें खोलिए, और "उल्लू को सीधा" कीजिये, ताकि वह आपकी ओर ही आये। वह आयेगा, तो लक्ष्मी जी को लाएगा।
अब क्या आपको यह भी बताना पड़ेगा, कि लक्ष्मी के आने का क्या अर्थ होता है?
रोचक रचना
ReplyDeleteDhanywaad.
ReplyDeleteइस जानकारी के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteaapke aagman ka aabhaar.
ReplyDeleteये जानकारी तो बहुत रोचक है , वाकई यही सच है या कल्पना है ?
ReplyDeleteखैर जो भी हो , आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ |
सादर