नीरज- गीत जब मर जायेंगे फिर क्या यहाँ रह जाएगा?
प्रबोध- एक सन्नाटा कहीं से बांसुरी चुन लाएगा !
नीरज- प्यार की धरती अगर बंदूक से बांटी गई ?
प्रबोध- संतरे की फांक सा हर दिल भी संग बँट जायेगा !
नीरज- आग लेकर हाथ में पगले जलाता है किसे ?
प्रबोध- जो जलेगा, अंजुरी-भर राख तो दे जाएगा।
नीरज- गर चिरागों की हिफाज़त फिर उन्हें सौंपी गई ?
प्रबोध - कालिमा रानी बनेगी, तम यूँ ही इतराएगा !
नीरज- आएगा अपना बुलावा जिस घड़ी उस पार से?
प्रबोध- रास्ते रह जायेंगे, इनका भला क्या जायेगा !
नीरज- सिर्फ धरती ही नहीं, हर शय यहाँ गर्दिश में है
प्रबोध- हम अकेले ही नहीं डूबेंगे, जत्था जायेगा !
नीरज- जिंदगी और मौत की केवल कहानी है यही
प्रबोध- कौन कहने आएगा और कौन सुनने आएगा !
प्रबोध- एक सन्नाटा कहीं से बांसुरी चुन लाएगा !
नीरज- प्यार की धरती अगर बंदूक से बांटी गई ?
प्रबोध- संतरे की फांक सा हर दिल भी संग बँट जायेगा !
नीरज- आग लेकर हाथ में पगले जलाता है किसे ?
प्रबोध- जो जलेगा, अंजुरी-भर राख तो दे जाएगा।
नीरज- गर चिरागों की हिफाज़त फिर उन्हें सौंपी गई ?
प्रबोध - कालिमा रानी बनेगी, तम यूँ ही इतराएगा !
नीरज- आएगा अपना बुलावा जिस घड़ी उस पार से?
प्रबोध- रास्ते रह जायेंगे, इनका भला क्या जायेगा !
नीरज- सिर्फ धरती ही नहीं, हर शय यहाँ गर्दिश में है
प्रबोध- हम अकेले ही नहीं डूबेंगे, जत्था जायेगा !
नीरज- जिंदगी और मौत की केवल कहानी है यही
प्रबोध- कौन कहने आएगा और कौन सुनने आएगा !
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