थोड़ी देर पहले मेरे एक मित्र का फोन आया.
मित्र बुजुर्ग हैं, राजस्थान के एक अपेक्षाकृत पिछड़े ज़िले में एक सुदूर ग्राम्य अंचल में अपने खेतों के करीब रहते हैं.मेहनती खूब हैं, और अपनी खेती-बाड़ी मुस्तैदी से अकेले सँभालते हैं. नेटवर्क की अनिश्चितता के कारण, जब भी बात हो पाती है, खूब बात करते हैं.
तो मित्र ने मुझसे कहा कि उन्होंने भारतरत्न लता मंगेशकर के ऊपर एक गीत लिखा है,और अब वे जानना चाहते हैं कि वे उसका क्या करें.
उन्होंने यह भी कहा कि वे पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान से बात करना चाहते हैं, कैसे करें?
वे बोले कल बारिश के साथ ओले गिरने से फसलें खराब हो गईं, किन्तु संयोग से उनकी फसल को नुक्सान नहीं हुआ.
उन्होंने बताया कि वे आगामी चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी या आप के लिए बढ़िया स्लोगन लिख सकते हैं, वैसे नज़दीक के शहर के कांग्रेसी उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में उनका कोई मित्र भी है, जिसके लिए वे काम करने को तैयार हैं.
वे बोले-उनका स्वास्थ्य अच्छा है, खूब मेहनत कर लेते हैं,पर "लेबरपेन"होने पर खेती से इतर काम भी करते हैं.
जब वे रिटायर नहीं हुए थे तब उनके कार्यालय में एक "टेलीफ़ोन रजिस्टर" रखा जाता था,जिसमें लिखा जाता था कि कहाँ से, किसका फोन आया, कितनी देर, किस से और किस विषय में बात हुई?
मित्र बुजुर्ग हैं, राजस्थान के एक अपेक्षाकृत पिछड़े ज़िले में एक सुदूर ग्राम्य अंचल में अपने खेतों के करीब रहते हैं.मेहनती खूब हैं, और अपनी खेती-बाड़ी मुस्तैदी से अकेले सँभालते हैं. नेटवर्क की अनिश्चितता के कारण, जब भी बात हो पाती है, खूब बात करते हैं.
तो मित्र ने मुझसे कहा कि उन्होंने भारतरत्न लता मंगेशकर के ऊपर एक गीत लिखा है,और अब वे जानना चाहते हैं कि वे उसका क्या करें.
उन्होंने यह भी कहा कि वे पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान से बात करना चाहते हैं, कैसे करें?
वे बोले कल बारिश के साथ ओले गिरने से फसलें खराब हो गईं, किन्तु संयोग से उनकी फसल को नुक्सान नहीं हुआ.
उन्होंने बताया कि वे आगामी चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी या आप के लिए बढ़िया स्लोगन लिख सकते हैं, वैसे नज़दीक के शहर के कांग्रेसी उम्मीदवार के चुनाव कार्यालय में उनका कोई मित्र भी है, जिसके लिए वे काम करने को तैयार हैं.
वे बोले-उनका स्वास्थ्य अच्छा है, खूब मेहनत कर लेते हैं,पर "लेबरपेन"होने पर खेती से इतर काम भी करते हैं.
जब वे रिटायर नहीं हुए थे तब उनके कार्यालय में एक "टेलीफ़ोन रजिस्टर" रखा जाता था,जिसमें लिखा जाता था कि कहाँ से, किसका फोन आया, कितनी देर, किस से और किस विषय में बात हुई?
आज की राजनितिक व्यवस्था व हालत पर अच्छा व्यंग.और इस बार तो हो रहे चुनावों की तो सचमुच यही हालत है.मनुषयों से ज्यादा तो वे नीरीह मुर्गे ज्यादा सोचते समझते हैं.सुन्दर कृति के लिए धन्यवाद्.
ReplyDeleteAapka aabhaar...
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