शीघ्र आने वाली दीवाली के सन्दर्भ में एक अपील फेसबुक पर पढ़ी। इसमें कहा गया है कि यदि दीपोत्सव पर चाइनीज़ लाइटें,बल्ब,लैंम्प, पटाखों आदि का प्रयोग किया जायेगा तो चाइना तीन सौ करोड़ रूपये से अमीर हो जायेगा, किन्तु यदि इनकी जगह मिट्टी के दिए जलेंगे तो कुम्हार रोजगार पाएंगे और देश का पैसा देश में रहेगा। राष्ट्रप्रेम और मानवता की इस भावना को नमन, लेकिन …?
-हम दुनिया के हर भाग के लोगों को विशाल बाजार देने का आश्वासन देकर आमंत्रित कर रहे हैं,क्या उन लोगों को हम उनके निवेश करने के बाद सहयोग नहीं देंगे?
-क्या हम मिट्टी के दिए बनाते हमारे कुम्हारों को शिक्षा, विकास,आधुनिक व्यापार से नहीं जोड़ कर जन्म-जन्मान्तर तक गाँव की मिट्टी से ही पसीना बहाते हुए रोटी निकालते देखना चाहते हैं?
-यदि विकास और राष्ट्रीयता की यह भावना हमें प्रिय है तो हम अपने बनाये "दीपकों" की मार्केटिंग दुनिया भर में नहीं कर सकते?अपने कुम्हार को निर्यात के लिए नीतियां और सहयोग नहीं दे सकते?
-हम दुनिया के हर भाग के लोगों को विशाल बाजार देने का आश्वासन देकर आमंत्रित कर रहे हैं,क्या उन लोगों को हम उनके निवेश करने के बाद सहयोग नहीं देंगे?
-क्या हम मिट्टी के दिए बनाते हमारे कुम्हारों को शिक्षा, विकास,आधुनिक व्यापार से नहीं जोड़ कर जन्म-जन्मान्तर तक गाँव की मिट्टी से ही पसीना बहाते हुए रोटी निकालते देखना चाहते हैं?
-यदि विकास और राष्ट्रीयता की यह भावना हमें प्रिय है तो हम अपने बनाये "दीपकों" की मार्केटिंग दुनिया भर में नहीं कर सकते?अपने कुम्हार को निर्यात के लिए नीतियां और सहयोग नहीं दे सकते?
आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (10.10.2014) को "उपासना में वासना" (चर्चा अंक-1762)" पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है, धन्यबाद।दुर्गापूजा की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपका संदेश काबिले-तारीफ है.
ReplyDeleteछोटीे-छोटी बातें--महान बातें बनती है.
सच त्यौहार यदि पारम्परिक तरीके से मनाये जाये तो अपने देश का ही भला होगा ... ...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सार्थक सन्देश
Aap teenon ka bahut aabhaar !
ReplyDeleteBahaut sunder va ..... Saarthak prastuti !!
ReplyDeleteBahaut sunder va ..... Saarthak prastuti !!
ReplyDeleteAabhaar !
ReplyDelete