दो आदमी थे। उनमें से एक आदमी दुनिया के किसी हिस्से में रहता था। एशिया,यूरोप,उत्तरी अमेरिका,दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया के किसी भाग में।
वह अपने सभी काम स्वयं अपने हाथ से करता था। मसलन अपना भोजन तैयार करना, सफाई करना, कपड़े धोना,अपने बगीचे की देखभाल करना, अपनी गाड़ी चलाना और उसका रख-रखाव करना, अन्य यंत्रों व उपकरणों की देखभाल और उन्हें इस्तेमाल करना, अथवा अपनी हेयर-कटिंग वगैरह। वह कभी-कभी इन कामों में अपने घर के दूसरे सदस्यों की थोड़ी बहुत मदद भी ले लेता था,लेकिन इस तरह कि जैसे वह उन्हें वो काम सिखाना चाहता हो। अगर कोई और उसके लिए ये काम करता तो वह सहयोग करने की चेष्टा करता था। यदि वह कोई काम नहीं जानता था, या उसे कोई अड़चन आती थी तो वह उसे इंटरनेट,किताबों या किसी से पूछ कर जानने की कोशिश करता था।
दूसरा आदमी दुनिया के किसी और हिस्से में रहता था।वही ,एशिया,यूरोप,उत्तरी अमेरिका,दक्षिणी अमेरिका,अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया के किसी भाग में।
वह अपने कम से कम काम अपने हाथ से करना पसंद करता था। मसलन, जब वह नहाने जाये, तो कोई महिला[-माँ,बहन,बीवी या बेटी आदि]उसे बताये कि साबुन-तौलिया आदि कहाँ हैं, और जब नहा कर आए तो उसके कपड़े, प्रसाधन आदि उसे दे। उसका भोजन कोई बनादे,उसे परोस दे और खा लेने पर बर्तन हटा ले।गाड़ी साफ करने को नौकर और चलाने को शोफर हो। बगीचे में माली हो।बाल काटने को सैलून हो। कपड़े धोने और इस्त्री करने को धोबी हो।अगर कोई काम न हो पाये या बिगड़ जाए तो उसे वह डाँट सके,जो भी उसके सामने पड़े।जो काम उसे न आये,उसके लिए वह घर के किसी अन्य सदस्य को दोषी ठहरा सके।
हम भारतीय हैं, और हमें अपने पर गर्व करना चाहिए कि दुनिया के दो हिस्सों में अलग-अलग रहने वाले उन दो आदमियों में से एक "भारतीय" भी था।
वह अपने सभी काम स्वयं अपने हाथ से करता था। मसलन अपना भोजन तैयार करना, सफाई करना, कपड़े धोना,अपने बगीचे की देखभाल करना, अपनी गाड़ी चलाना और उसका रख-रखाव करना, अन्य यंत्रों व उपकरणों की देखभाल और उन्हें इस्तेमाल करना, अथवा अपनी हेयर-कटिंग वगैरह। वह कभी-कभी इन कामों में अपने घर के दूसरे सदस्यों की थोड़ी बहुत मदद भी ले लेता था,लेकिन इस तरह कि जैसे वह उन्हें वो काम सिखाना चाहता हो। अगर कोई और उसके लिए ये काम करता तो वह सहयोग करने की चेष्टा करता था। यदि वह कोई काम नहीं जानता था, या उसे कोई अड़चन आती थी तो वह उसे इंटरनेट,किताबों या किसी से पूछ कर जानने की कोशिश करता था।
दूसरा आदमी दुनिया के किसी और हिस्से में रहता था।वही ,एशिया,यूरोप,उत्तरी अमेरिका,दक्षिणी अमेरिका,अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया के किसी भाग में।
वह अपने कम से कम काम अपने हाथ से करना पसंद करता था। मसलन, जब वह नहाने जाये, तो कोई महिला[-माँ,बहन,बीवी या बेटी आदि]उसे बताये कि साबुन-तौलिया आदि कहाँ हैं, और जब नहा कर आए तो उसके कपड़े, प्रसाधन आदि उसे दे। उसका भोजन कोई बनादे,उसे परोस दे और खा लेने पर बर्तन हटा ले।गाड़ी साफ करने को नौकर और चलाने को शोफर हो। बगीचे में माली हो।बाल काटने को सैलून हो। कपड़े धोने और इस्त्री करने को धोबी हो।अगर कोई काम न हो पाये या बिगड़ जाए तो उसे वह डाँट सके,जो भी उसके सामने पड़े।जो काम उसे न आये,उसके लिए वह घर के किसी अन्य सदस्य को दोषी ठहरा सके।
हम भारतीय हैं, और हमें अपने पर गर्व करना चाहिए कि दुनिया के दो हिस्सों में अलग-अलग रहने वाले उन दो आदमियों में से एक "भारतीय" भी था।
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