प्रकाश विनिमय बड़ी कठिन प्रक्रिया है। प्रकाश यदि किसी को दिया जाए,तो यह जाता नहीं है। यह वहीँ रहते हुए अपना दायरा बढ़ा लेता है।ऐसे में प्रकाश विस्तार तो संभव है किन्तु प्रकाश विनिमय नहीं। आप किसी को बल्ब तो दे सकते हैं,जिसे वह अन्यत्र ले जाकर प्रकाशित कर ले, पर रोशनी ले जाने के लिए देना जटिल प्रक्रिया है। ठीक इसी तरह प्रकाश आयात करना भी पेचीदा है। हम कहीं से लैम्प ला सकते हैं,लेकिन उजास लाना संभव नहीं होता।
यदि हज़ारों साल में एक बार कभी ऐसा हो जाए कि अपने पैरों चल कर प्रकाश, रोशनी या उजाला आपके घर के द्वार चला आये तो अद्भुत बात होती है। वस्तुतः यही दीवाली होती है।इस दिन आसुरी शक्तियों का संहार करता भटक रहा आपका राम आपके पास वापस लौटता है। यह उजाला आने की प्रक्रिया होती है, जो सदियों में एक बार कभी होती है।
राम के लौट आने का अर्थ यह नहीं होता कि दुनिया से आसुरी और मैली शक्तियाँ अब समाप्त हो गयीं, इनका बार-बार सिर उठाते रहना तय है। इसीलिये राम के आगमन पर बधाई से अधिक "शुभकामनाओं"का महत्व है। "उजाले संभाल कर रखिये, अँधेरे मरते नहीं, सोये होते हैं, आपको रोशनी की दरकार हमेशा रहती है"
यदि हज़ारों साल में एक बार कभी ऐसा हो जाए कि अपने पैरों चल कर प्रकाश, रोशनी या उजाला आपके घर के द्वार चला आये तो अद्भुत बात होती है। वस्तुतः यही दीवाली होती है।इस दिन आसुरी शक्तियों का संहार करता भटक रहा आपका राम आपके पास वापस लौटता है। यह उजाला आने की प्रक्रिया होती है, जो सदियों में एक बार कभी होती है।
राम के लौट आने का अर्थ यह नहीं होता कि दुनिया से आसुरी और मैली शक्तियाँ अब समाप्त हो गयीं, इनका बार-बार सिर उठाते रहना तय है। इसीलिये राम के आगमन पर बधाई से अधिक "शुभकामनाओं"का महत्व है। "उजाले संभाल कर रखिये, अँधेरे मरते नहीं, सोये होते हैं, आपको रोशनी की दरकार हमेशा रहती है"
दीपावली पर आपको हार्दिक बधाई व शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteप्रकाशोत्सव के महा पर्व दीपावली की शृंखला में
पंच पर्वों की आपको शुभकामनाएँ।
Aap teenon ka hardik aabhaar! Deepotsav ki anek mangalkamnayen!
ReplyDeleteSunder aalekh.... Diwali ki shubhkamnayein aapko
ReplyDeleteDhanyawad!
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