Tuesday, December 8, 2015

जब महापुरुषों के बारे में लिखें

कुछ लेखक निरंतर बड़े और महान लोगों के बारे में लिखते रहते हैं।  यह अच्छा है, और नई पीढ़ी के लिए ज़रूरी भी।  यदि ऐसा करते समय कुछ बातों का ध्यान रख लिया जाये तो इस कार्य की उपयोगिता और भी बढ़ सकती है-
१. अब ऐसा समय नहीं है कि समाज में अधिकांश पुरुष ही "महान" दिखाई दें, महिलाएं भी इस कतार में बराबर की हिस्सेदार हैं, इसलिए शीर्षकों में "महान हस्तियां" कह कर संतुलन लाएं.
२. जिस व्यक्ति के बारे में लिख रहे हैं, उसकी योग्यताओं और अच्छाइयों को लेकर व्यावहारिक तथा विश्वसनीय रहें.उसे चमत्कारिक अतिशयोक्ति से "सुपरमैन" बनाने की कोशिश न करें.बच्चे उसी बात को अपनाना चाहते हैं, जिस पर विश्वास कर सकें।
३. यदि आप किसी व्यक्ति के संवाद सीधे [डायरेक्ट स्पीच] लिख रहे हैं तो उन्हें उसी भाषा में देवनागरी/रोमन में लिखने की कोशिश  करें,जिसमें वे कहे गए हैं. अन्यथा उन्हें विवरणात्मक शैली [इनडायरेक्ट स्पीच]में ही लिखें.दूसरी भाषा में प्रत्यक्ष उसी के मुंह से कहलवाना विश्वसनीय नहीं लगता.      

3 comments:

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...