तेज़ी से बीतते हुए ये पल ईंटें चिन रहे हैं।
इन्हें एक स्मृति भवन तैयार कर देने की जल्दी है।
इस भवन की दीवारों पर ये टांग देंगे एक पूरे साल का लेखा-जोखा, और पहना देंगे उसे इतिहास की माला।पुष्पहार से सजे ये पल फिर नहीं लौटेंगे, कभी नहीं !
मैं असमंजस में हूँ, इस साल घटने वाली घटनाओं में मुझे कुछ ऐसी बातें साफ़-साफ़ दिखाई दे रही हैं, जो किसी के मिटाये से नहीं मिटेंगी। मुझे उन पल-श्रमिकों पर तरस आ रहा है जो नाहक़ मक़बरा गढ़ रहे हैं, ये लाख कोशिश करें कुछ बातों को तो हरगिज़ नहीं दफ़न कर पाएंगे इतिहास की खोह में।
आइये देखें, ऐसा क्या है जिस पर ये बीतते पल बेअसर रहेंगे?
१. आपकी हमारी उम्मीदें
२. आपके-हमारे रिश्ते
३. और बेहतर दुनिया बनाने की हमारी-आपकी कोशिशें
४. बिना व्यवधान उगते चाँद और सूरज
५. नाचते-गाते लोग
६. हम सबके ख़्वाब
७. हर सुबह नए जोश से उठने के हमारे हौसले
८. हर आँख में प्यार देखने के ललक-भरे सिलसिले
९. सबकी रोटी के लिए सुलगती आंच
१०. पुराना बीतने से पहले एक नया साल लाकर खड़ा कर देने का शाश्वत ज़ुनून !
इन्हें एक स्मृति भवन तैयार कर देने की जल्दी है।
इस भवन की दीवारों पर ये टांग देंगे एक पूरे साल का लेखा-जोखा, और पहना देंगे उसे इतिहास की माला।पुष्पहार से सजे ये पल फिर नहीं लौटेंगे, कभी नहीं !
मैं असमंजस में हूँ, इस साल घटने वाली घटनाओं में मुझे कुछ ऐसी बातें साफ़-साफ़ दिखाई दे रही हैं, जो किसी के मिटाये से नहीं मिटेंगी। मुझे उन पल-श्रमिकों पर तरस आ रहा है जो नाहक़ मक़बरा गढ़ रहे हैं, ये लाख कोशिश करें कुछ बातों को तो हरगिज़ नहीं दफ़न कर पाएंगे इतिहास की खोह में।
आइये देखें, ऐसा क्या है जिस पर ये बीतते पल बेअसर रहेंगे?
१. आपकी हमारी उम्मीदें
२. आपके-हमारे रिश्ते
३. और बेहतर दुनिया बनाने की हमारी-आपकी कोशिशें
४. बिना व्यवधान उगते चाँद और सूरज
५. नाचते-गाते लोग
६. हम सबके ख़्वाब
७. हर सुबह नए जोश से उठने के हमारे हौसले
८. हर आँख में प्यार देखने के ललक-भरे सिलसिले
९. सबकी रोटी के लिए सुलगती आंच
१०. पुराना बीतने से पहले एक नया साल लाकर खड़ा कर देने का शाश्वत ज़ुनून !
बेहद प्रभावशाली......बहुत बहुत बधाई.....
ReplyDeleteAapka aabhaar !
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