किसी ने कहा है कि जब हम बोल रहे होते हैं, तब केवल वह दोहरा रहे होते हैं जो हम पहले से ही जानते हैं। किन्तु जब हम सुन रहे होते हैं तो इस बात की सम्भावना भी रहती है कि हम कुछ नया सीख भी रहे हों।
हमेशा सुनना कमतर होने और बोलना श्रेष्ठ होने की निशानी नहीं है।
मेरे एक मित्र परसों एक कार्यक्रम की यह कह कर बड़ी सराहना कर रहे थे कि हर वर्ष यह बड़ा अच्छा कार्यक्रम होता है। मैंने उनसे पूछा - वो फिर हो रहा है,क्या आप उसमें जायेंगे?
वे बोले- यदि मुझे वक्ता के रूप में आमंत्रित करेंगे तो चला जाऊँगा, खाली सुनने तो जाता नहीं हूँ।
मैंने उनसे कहा -इसका अर्थ है कि वहां जो श्रोता आएंगे, वे आपसे तो कमतर ही होंगे? तो घटिया लोगों के बीच जाकर आपको क्या मिलेगा? वे सोच में पड़ गए। उन्हें इस बात का असमंजस था कि उनका मित्र उनका मज़ाक कैसे उड़ा सकता है।
कुछ दिन पूर्व कुछ लोग चंद ऐसे ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ लोगों का इस बात के लिए उपहास कर रहे थे, कि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से किसी समारोह में पुरस्कार लेते समय उन लोगों से इसका "रिहर्सल" करवाया गया। क्या इसमें आपको भी कोई हैरानी की बात लगती है? हमेशा पुरस्कार ग्रहण करने वाला पुरस्कार देने वाले से छोटा नहीं होता। इसके अलावा-
-आयोजकों पर कार्यक्रम को समयबद्धता और गरिमापूर्ण ढंग से संपन्न करने की ज़िम्मेदारी होती है, यदि वे इसके लिए पूर्व तैयारी करते हैं तो आपको अस्त-व्यस्तता से बचाने के लिए। इसमें किसी की हेठी नहीं है।
कुछ साल पहले विश्वसुंदरी प्रतियोगिता में कार्पेट पर चलते हुए मिस लाइबेरिया के सैंडिल की हील अटकने से वे गिर गयी थीं, रिहर्सल ऐसी आशंकाओं को कम करते हैं।
हमेशा सुनना कमतर होने और बोलना श्रेष्ठ होने की निशानी नहीं है।
मेरे एक मित्र परसों एक कार्यक्रम की यह कह कर बड़ी सराहना कर रहे थे कि हर वर्ष यह बड़ा अच्छा कार्यक्रम होता है। मैंने उनसे पूछा - वो फिर हो रहा है,क्या आप उसमें जायेंगे?
वे बोले- यदि मुझे वक्ता के रूप में आमंत्रित करेंगे तो चला जाऊँगा, खाली सुनने तो जाता नहीं हूँ।
मैंने उनसे कहा -इसका अर्थ है कि वहां जो श्रोता आएंगे, वे आपसे तो कमतर ही होंगे? तो घटिया लोगों के बीच जाकर आपको क्या मिलेगा? वे सोच में पड़ गए। उन्हें इस बात का असमंजस था कि उनका मित्र उनका मज़ाक कैसे उड़ा सकता है।
कुछ दिन पूर्व कुछ लोग चंद ऐसे ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ लोगों का इस बात के लिए उपहास कर रहे थे, कि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से किसी समारोह में पुरस्कार लेते समय उन लोगों से इसका "रिहर्सल" करवाया गया। क्या इसमें आपको भी कोई हैरानी की बात लगती है? हमेशा पुरस्कार ग्रहण करने वाला पुरस्कार देने वाले से छोटा नहीं होता। इसके अलावा-
-आयोजकों पर कार्यक्रम को समयबद्धता और गरिमापूर्ण ढंग से संपन्न करने की ज़िम्मेदारी होती है, यदि वे इसके लिए पूर्व तैयारी करते हैं तो आपको अस्त-व्यस्तता से बचाने के लिए। इसमें किसी की हेठी नहीं है।
कुछ साल पहले विश्वसुंदरी प्रतियोगिता में कार्पेट पर चलते हुए मिस लाइबेरिया के सैंडिल की हील अटकने से वे गिर गयी थीं, रिहर्सल ऐसी आशंकाओं को कम करते हैं।
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