यदि किसी को डर लगे, तो प्रायः इसके सात कारण हो सकते हैं -
१. शरीर के तंत्रिका-तंत्र में किसी भी स्थान पर कोई अवरोध है। यह अवरोध काल्पनिक या भौतिक हो सकता है।
२. आपके साथ जो भी संभावित या आशंकित है, उसकी जिम्मेदारी लेने वाले संकेत मस्तिष्क मन को नहीं दे रहा।
३. आपके मस्तिष्क की स्लेट पर अतीत की कोई इबारत मिटने से रह गई है।
४. आपको जो संतुष्टि, ख़ुशी या सफलता मिलने जा रही है, वह अत्यंत चंचल प्रकृति की है।
५. आपके पास कुछ अवांछित रूप से अधिक है।
६. आप अकेले हैं।
७. आप डरपोक हैं।
१. शरीर के तंत्रिका-तंत्र में किसी भी स्थान पर कोई अवरोध है। यह अवरोध काल्पनिक या भौतिक हो सकता है।
२. आपके साथ जो भी संभावित या आशंकित है, उसकी जिम्मेदारी लेने वाले संकेत मस्तिष्क मन को नहीं दे रहा।
३. आपके मस्तिष्क की स्लेट पर अतीत की कोई इबारत मिटने से रह गई है।
४. आपको जो संतुष्टि, ख़ुशी या सफलता मिलने जा रही है, वह अत्यंत चंचल प्रकृति की है।
५. आपके पास कुछ अवांछित रूप से अधिक है।
६. आप अकेले हैं।
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