Thursday, April 11, 2013

अकेलापन

अकेले हो जाने के कई कारण हैं-
आपकी  रुचियाँ ऐसी हैं, कि  कोई आपको सुनना समझना नहीं चाहता।
आपको केवल अपनी परवाह है, दूसरों की आपको कोई चिंता नहीं।
आप ऐसा पेड़ बन चुके हैं, जिस पर अब फल नहीं लगते।
आप जिंदगी में केवल "दायित्व" हैं।
आप अच्छे श्रोता नहीं हैं, अथवा ज़रूरत से ज्यादा अच्छे वक्ता हैं।
चाहे किसी भी कारण से आप अकेले हों, कुछ बातें आपके इस कठिन समय में आपका सहारा बनेंगी-
अपनी गुजरी जिंदगी से कुछ चेहरे अपनी कल्पना में ऐसे चुन कर ज़रूर रखिये, जो आपके मानस लोक में आपके निमंत्रण पर कभी भी आ सकें, और हाँ, सोच-प्रक्रिया में इनके साथ रह लेने पर आगे के लिए इनकी "डस्टिंग"ज़रूर करके रखें, ताकि ये बार-बार प्रयोगनीय बने रहें। कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये अब चाहे दिवंगत ही हों। यहाँ डस्टिंग से तात्पर्य है कि  उनकी अच्छी बातों को ही याद रखिये, खराब बातों को भूलते जाइये।
अपने जिन कपड़ों को आप अपने बदन पर सर्वाधिक आरामदेह पाते हों, उन्हें कभी-कभी अपने चेहरे पर डाल कर लेट जाइये और उन लोगों के बारे में सोचिये, जिन्होंने जीवन में कभी आपका मित्र बनने की कोशिश की थी।
यदि आपने कभी किसी को प्रेम करते देखा है, तो याद करने की कोशिश कीजिये कि  ऐसा करते समय उसने किस रंग की पोषाक पहनी थी,उसके बाल कैसे थे, उस समय हवा चल रही थी या नहीं, और आपने उसे देखा ही  क्यों?        

2 comments:

हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...