दुनिया में तरह-तरह के स्वाद हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि उसका भोजन स्वादिष्ट हो,चाहे वह कितना भी सादा हो। केवल सूखी रोटी खाने वाला कोई निर्धन व्यक्ति भी उसमें नमक तो चाहता ही है। स्वाद का अपना अलग रंग-ढंग है। शराब के शौक़ीन व्यक्ति को उसके कड़वे होने पर भी कोई ऐतराज नहीं है।बच्चों को दवा का कड़वा होना भी नहीं रुचता,चाहे दवा उनकी सेहत के लिए ही हो। मधुमेह पीड़ित को शक्कर-विहीन "मीठा" चाहिए।
विविधता-भरी दुनिया में स्वाद की भी कोई कमी नहीं है। मीठा,फीका,तीखा,खट्टा,चरपरा,कसैला,कड़वा नमकीन,अर्थात कोई न कोई स्वाद तो हर वस्तु में है।आइये, देखें कि किसी स्वाद-विशेष को बहुत पसंद करने वाले व्यक्ति की यह पसंद उसके चेहरे पर कैसे झलकती है।
गोल चेहरे वाले ठिगने लोग मीठे के शौक़ीन होते हैं।
बड़े दांतों और लम्बे मुंह वाले को कुछ फीका खिलाइये, शिकायत नहीं करेगा।
बहुत गोरे, लाल सुर्ख होठों वाले लोग तीखा खाकर खुश होंगें।
किसी खट्टा पसंद करने वाले को गौर से देखिये- फूले गाल और घने बाल ज़रूर होंगे।
गहरी आँखों और सुन्दर चेहरे वालों को कसैले से परहेज़ नहीं होगा।
उदासी में डूबे बुझे चेहरे शायद कड़वा ही पसंद करें।
यदि आप कहीं इससे कुछ अलग देखें, तो अपना जायका बेवजह बिगाडिये मत, अपवाद तो होते ही हैं।
विविधता-भरी दुनिया में स्वाद की भी कोई कमी नहीं है। मीठा,फीका,तीखा,खट्टा,चरपरा,कसैला,कड़वा नमकीन,अर्थात कोई न कोई स्वाद तो हर वस्तु में है।आइये, देखें कि किसी स्वाद-विशेष को बहुत पसंद करने वाले व्यक्ति की यह पसंद उसके चेहरे पर कैसे झलकती है।
गोल चेहरे वाले ठिगने लोग मीठे के शौक़ीन होते हैं।
बड़े दांतों और लम्बे मुंह वाले को कुछ फीका खिलाइये, शिकायत नहीं करेगा।
बहुत गोरे, लाल सुर्ख होठों वाले लोग तीखा खाकर खुश होंगें।
किसी खट्टा पसंद करने वाले को गौर से देखिये- फूले गाल और घने बाल ज़रूर होंगे।
गहरी आँखों और सुन्दर चेहरे वालों को कसैले से परहेज़ नहीं होगा।
उदासी में डूबे बुझे चेहरे शायद कड़वा ही पसंद करें।
यदि आप कहीं इससे कुछ अलग देखें, तो अपना जायका बेवजह बिगाडिये मत, अपवाद तो होते ही हैं।
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