जयपुर के पास जगतपुरा नाम की जो जगह है, वह कई अर्थों में महत्वपूर्ण है। यह स्थान जयपुर के विमानतल को चारों ओर से घेरता है। जब से जयपुर ने अंतर्राष्ट्रीय नक़्शे पर आने की ठानी है, तब से यहाँ का विमानतल भी बहुत सुन्दर हो गया है। अपनी सड़कों की चौड़ाई और खुलेपन के लिए तो जयपुर सदा से ही विख्यात है ही। इसी जगतपुरा में जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी भी अवस्थित है, जिसने अपने नाम में गजब की विपणनआत्मक चतुराई दिखाई है। यह विश्व विद्यालय अपने नाम के संक्षिप्तीकरण में जेएनयू बनकर सुविख्यात जवाहर लाल नेहरु विश्व विद्यालय के समकक्ष स्वतः ही आ खड़ा हुआ है। पिछले कुछ वर्षो से जयपुरी स्थापत्य और इसके प्रति अप्रवासियों का दृष्टिकोण जिस तरह से निर्मित हुआ है, जयपुर में एक विशाल एन आर आई कालोनी की अहमियत उभर कर तेजी से आ गई है। जगतपुरा इस नवोन्मेष से भी वाबस्ता है। यहाँ बड़ी मात्र में महलनुमा मकान अप्रवासी भारतीयों के लिए बनाये गए हैं। जयपुर की शान शौकत को आवासन मंडल जैसे निपट सरकारी विभाग ने भी धरा के इस टुकड़े पर शान से जिया है।
इसी जगतपुरा में एक छोटा सा प्रयोग हम भी करने जा रहे हैं। हम जल्दी ही उस क्षेत्र के युवओं को रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ेंगे। ऐसे युवक युवतियां जिन्होंने अपनी विद्यालयीन पढ़ाई पूरी कर ली है और साथ ही थोड़ी बहुत आमदनी के साथ अपनी आगे की पढ़ाई निजी विद्यार्थी के तौर पर करना चाहते हैं, हमारे इस प्रकल्प से अवश्य ही लाभान्वित होंगे। जो विद्यार्थी जयपुर में रहकर विभिन्न प्र्तियोगिताओं की तैय्यारी कर रहे हैं, उनके लिए भी ऐसे प्रक्षिक्षण लाभदायक हैं। युवाओं के मानस को आर्थिक संबल प्रदान करने के इस आयोजन में हम आपको भी आमंत्रित करते हैं। यदि आप किशोरावस्था को पार कर चुके हैं और स्वयं या अपने परिवार के लिए वितीय सुविधाओं का छोटा सा सपना देखते हैं तो आप हमसे संपर्क करें । हर बड़े सपने का रास्ता छोटे सपनों से होकर जाता हैं।
प्रकाशित पुस्तकें
उपन्यास: देहाश्रम का मनजोगी, बेस्वाद मांस का टुकड़ा, वंश, रेत होते रिश्ते, आखेट महल, जल तू जलाल तू
कहानी संग्रह: अन्त्यास्त, मेरी सौ लघुकथाएं, सत्ताघर की कंदराएं, थोड़ी देर और ठहर
नाटक: मेरी ज़िन्दगी लौटा दे, अजबनार्सिस डॉट कॉम
कविता संग्रह: रक्कासा सी नाचे दिल्ली, शेयर खाता खोल सजनिया , उगती प्यास दिवंगत पानी
बाल साहित्य: उगते नहीं उजाले
संस्मरण: रस्ते में हो गयी शाम,
Friday, January 28, 2011
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