यह सच है कि जाने वाले जाते-जाते भी बहुत कुछ दे जाते हैं। २०१३ के जाने में अभी कुछ समय शेष है, मगर इसने हमें जाते-जाते भी कितना कुछ दे दिया।
इसने हमें यह ज्ञान दे दिया कि अहंकार कितना ही बलशाली हो, उसका दर्प टूट कर ही रहता है।
इसने हमें यह भी सिखा दिया कि "अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता" जैसे मुहावरे कभी पुराने नहीं पड़ेंगे।
इसने यह भी बता दिया कि वर्ष दर वर्ष जलाये जाने वाले रावणों का कद कितना भी बढ़ता जाए, उनका तहस-नहस हो जाना तय है।
इस जाते हुए साल ने हमें बहुत से आंसू, पश्चाताप और चिंतन-मनन की लगातार ज़रूरत का सबक भी दे दिया।
चलिए, सर्दी का बेजा फायदा उठाते हुए गरिष्ठ और भारी-भारी बातें न करें, हलकी धूप में कुछ हल्का-फुल्का गुनगुना भी लें-
"शाम सुहानी महकी-महकी ख़ुशबू तेरी लाये, दूर कहीं जब कलियाँ चटकें, मैं जानूँ तू आये, आजा रे…"
ये आवाज़ याद है आपको?
याद रखियेगा, शायद अब फिर दुबारा न आये...हम बात कर रहे थे जाने वालों की !
इसने हमें यह ज्ञान दे दिया कि अहंकार कितना ही बलशाली हो, उसका दर्प टूट कर ही रहता है।
इसने हमें यह भी सिखा दिया कि "अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता" जैसे मुहावरे कभी पुराने नहीं पड़ेंगे।
इसने यह भी बता दिया कि वर्ष दर वर्ष जलाये जाने वाले रावणों का कद कितना भी बढ़ता जाए, उनका तहस-नहस हो जाना तय है।
इस जाते हुए साल ने हमें बहुत से आंसू, पश्चाताप और चिंतन-मनन की लगातार ज़रूरत का सबक भी दे दिया।
चलिए, सर्दी का बेजा फायदा उठाते हुए गरिष्ठ और भारी-भारी बातें न करें, हलकी धूप में कुछ हल्का-फुल्का गुनगुना भी लें-
"शाम सुहानी महकी-महकी ख़ुशबू तेरी लाये, दूर कहीं जब कलियाँ चटकें, मैं जानूँ तू आये, आजा रे…"
ये आवाज़ याद है आपको?
याद रखियेगा, शायद अब फिर दुबारा न आये...हम बात कर रहे थे जाने वालों की !
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