Monday, August 5, 2013

पेड़,पहाड़,आसमान,इन्द्रधनुष, पानी और अमेरिका

पानी के किनारे बादलों में छाये इन्द्रधनुष की एक फोटो आज अख़बारों में देखने को मिली। बेहद खूबसूरत पेड़ों के बीच पानी में इन्द्रधनुष का अक्स कुछ इस तरह पड़ा कि  सतरंगी गोला ही मानो धरती के गले का हार बन गया.
मेरी एक जिज्ञासा है. पेड़, पहाड़,आसमान,इन्द्रधनुष और पानी, ये सब तो नैसर्गिक हैं. इन्हें प्रकृति बनाती है. कभी भौतिक क्रियाओं से तो कभी रासायनिक क्रियाओं से.
तो फिर अमेरिका में खींचा गया वह फोटो इतना नयनाभिराम क्यों लग रहा था?उसे तो किसी भी जगह खींचे जाने पर उतना ही आकर्षक दिखना चाहिए था. शायद इसका इनमें से कोई कारण हो-
अमेरिका में प्रदूषण कम हो.
वहां की मिट्टी ज्यादा उर्वरा और वायु ज्यादा निर्मल हो.
जिस कैमरे से वह तस्वीर खींची गई हो वह तकनीकी रूप से बहुत भव्य हो.
जिस व्यक्ति ने फोटो खींचा हो, वह छायांकन का विशेषज्ञ हो.
मेरी आँखों पर अमेरिका की पट्टी पड़ी हो. 

2 comments:

  1. बहुत सम्भावना है कि अंतिम बात ही सच हो

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  2. Dhanyawad, mujhe bhi aisa hi laga tha. Kyonki aur kya karan ho sakta hai?

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