अपने ज़माने की लोकप्रिय अभिनेत्री मुमताज़ अपने कैरियर के शिखर पर ही थीं, कि मयूर माधवानी से शादी करके परदेस जा बसीं।
कुछ साल बाद, एक बार वापसी का मन बनाया, तो फिल्म "आँधियाँ" साइन कर ली। कहते हैं कि फिल्म के लिए मुमताज़ ने बजट में नायिका के लिए निर्धारित धन से बहुत ज़्यादा की मांग की। निर्माता को बड़ी नायिका की बड़ी वापसी की उम्मीद थी, अतः उसने पैसे तो दिए, किन्तु नतीजा ये हुआ कि हीरोइन को दिए गए पैसे फिल्म के बजट में प्रचार के लिए रखे गए पैसों में से निकाले गए। लिहाज़ा फिल्म का प्रचार न के बराबर हुआ, केवल इतना कि ये मुमताज़ की 'कमबैक' फिल्म है। फिल्म नहीं चली, और मुमताज़ भी घरेलू दुनियां में लौट गयीं।
आज की पीढ़ी राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी को सेल्युलॉइड की बेस्ट जोड़ियों में से एक मानते हुए, विभिन्न टीवी चैनलों पर उनकी आराधना, सफर, दाग,अविष्कार, मालिक, अमर प्रेम जैसी फ़िल्में बार-बार देखती है, किन्तु राजेश खन्ना-मुमताज़ की फिल्मों की आँधियाँ इससे कहीं बढ़ कर हैं।
याद कीजिये- दो रास्ते,दुश्मन, सच्चा- झूठा, बंधन,अपना देश,रोटी, प्रेम कहानी, आपकी कसम....
कुछ साल बाद, एक बार वापसी का मन बनाया, तो फिल्म "आँधियाँ" साइन कर ली। कहते हैं कि फिल्म के लिए मुमताज़ ने बजट में नायिका के लिए निर्धारित धन से बहुत ज़्यादा की मांग की। निर्माता को बड़ी नायिका की बड़ी वापसी की उम्मीद थी, अतः उसने पैसे तो दिए, किन्तु नतीजा ये हुआ कि हीरोइन को दिए गए पैसे फिल्म के बजट में प्रचार के लिए रखे गए पैसों में से निकाले गए। लिहाज़ा फिल्म का प्रचार न के बराबर हुआ, केवल इतना कि ये मुमताज़ की 'कमबैक' फिल्म है। फिल्म नहीं चली, और मुमताज़ भी घरेलू दुनियां में लौट गयीं।
आज की पीढ़ी राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी को सेल्युलॉइड की बेस्ट जोड़ियों में से एक मानते हुए, विभिन्न टीवी चैनलों पर उनकी आराधना, सफर, दाग,अविष्कार, मालिक, अमर प्रेम जैसी फ़िल्में बार-बार देखती है, किन्तु राजेश खन्ना-मुमताज़ की फिल्मों की आँधियाँ इससे कहीं बढ़ कर हैं।
याद कीजिये- दो रास्ते,दुश्मन, सच्चा- झूठा, बंधन,अपना देश,रोटी, प्रेम कहानी, आपकी कसम....
बहुत सुन्दर आलेख है ।
ReplyDeleteseetamni. blogspot. in
Dhanyawad.
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