कल जब वर्ल्ड्कप क्रिकेट के सेमीफाइनल मुकाबले का अंत हुआ तो दक्षिण अफ्रीका के कुछ खिलाड़ियों को मैदान पर बैठ कर रोते हुए देखा गया। इस विलक्षण दृश्य के कई कारण हो सकते हैं।
-धुआंधार फ़ील्डिंग के दौरान आँख में कुछ गिर जाना।
-खेल में पराजय हो जाना।
-समस्त विश्व की आँखों का तारा बने आभामंडल से अकस्मात् छिटक कर बाहर हो जाना।
-ज़िंदगी में आसानी से न मिलने वाले एक शानदार अवसर का हाथ से फिसल जाना।
-खेल-खेल में कोई भीतरी चोट लग जाना।
कहते हैं कि हज़ारों तरह के ये होते हैं आंसू।
लेकिन आंसुओं से दुनिया ठहरती नहीं है। कल फिर आएंगे उम्मीदों के नए सितारे।
-धुआंधार फ़ील्डिंग के दौरान आँख में कुछ गिर जाना।
-खेल में पराजय हो जाना।
-समस्त विश्व की आँखों का तारा बने आभामंडल से अकस्मात् छिटक कर बाहर हो जाना।
-ज़िंदगी में आसानी से न मिलने वाले एक शानदार अवसर का हाथ से फिसल जाना।
-खेल-खेल में कोई भीतरी चोट लग जाना।
कहते हैं कि हज़ारों तरह के ये होते हैं आंसू।
लेकिन आंसुओं से दुनिया ठहरती नहीं है। कल फिर आएंगे उम्मीदों के नए सितारे।
No comments:
Post a Comment