Saturday, March 14, 2015

कॉमेंट्रेटर नहीं हैं कपिलदेव

क्रिकेट ने विश्व को भारत से जो सितारे दिए हैं उनमें सर्वाधिक चमक बिखेरने वाले नामों में कपिलदेव का नाम शामिल है।
मुझे याद है, मुझे क्रिकेट की कॉमेंट्री सुनते हुए लगभग बावन साल तो हो गए हैं।  बचपन में हम लोग ट्रांज़िस्टर से कान लगाए आँखों देखा हाल सुनते थे, और अब हम सब अपनी आँखों से देखते हुए नेपथ्य से, पार्श्व विवरण के रूप में कॉमेंट्री सुनते हैं।
पहले खेलने वाले और होते थे और खेल के टिप्पणीकार और।  अब ज़्यादातर पूर्व खिलाड़ी ही कॉमेंट्री करते हैं। इस बदलाव के नतीजे बहुत बेहतर हैं। इससे हम उन्हीं लोगों से सुनते हैं जो खुद भी खेल के माहिर हैं, और हम तकनीकी बातों की पेचीदगियों को विश्वसनीयता से देख भी पाते हैं।
लेकिन आप कपिलदेव को कॉमेंट्री करते हुए थोड़ा ध्यान से सुनिए।  आपको लगेगा कि वे कॉमेंट्री नहीं कर रहे।  कॉमेंट्री तो वह होती है, जिसमें जो कुछ हो जाये, उस पर टिप्पणी की जाये। किन्तु कपिल लगभग सभी वे बातें आपको पहले ही बता देते हैं, जो होने वाली हैं। और मज़ेदार बात ये, कि वही होता भी है।इस विश्वविजेता का लम्बा अनुभव और खेल-कौशल किसी खिलाड़ी की तैयारी ,बॉडी- लैंग्वेज,परिस्थिति, तथा मौके की नज़ाकत को पहले ही भांप कर वह सबकुछ पहले ही कहलवा देता है, जो होने वाला है। ध्यान से सुनिए, हैरान कर देने वाली  पूर्वोक्तियां आपको चौंका देंगी।             

5 comments:

  1. Dhanyawad,aapne bhi lutf uthaya hoga Kapil ke sath ka?

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  2. मैं आपके बलोग को बहुत पसंद करता है इसमें बहुत सारी जानकारियां है। मेरा भी कार्य कुछ इसी तरह का है और मैं Social work करता हूं। आप मेरी साईट को पढ़ने के लिए यहां पर Click करें-
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