Monday, November 10, 2014

मॉरिशस के पहाड़-२

आप जब मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुइस से निकल कर दक्षिण की ओर जाते हैं तो आपको एक पर्वत-माला के किनारे एक बेहद खूबसूरत पहाड़ की ऊंची चोटी पर निसर्ग की बेमिसाल अदाकारी की मिसाल के तौर पर एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है। दरअसल यह एक विशाल चट्टान है जो मानव-आकृति के रूप में आसमान के कैनवस पर चस्पाँ है। यह एक युवक के चेहरे की तरह है जो अपनी गर्दन से पहाड़ से जुड़ा है। हैरत ये देख कर होती है कि इतनी ऊंचाई पर पतली सी गर्दन ने स्वस्थ-बलिष्ठ चेहरे को कैसे साध रखा है?
इस पत्थर-बुत युवक से आपके दिल के तार और भी मुलायमियत से जुड़ जाते हैं, जब आप इस नज़ारे के नेपथ्य से इसकी कहानी सुनते हैं।
कहते हैं कि किसी समय इस पहाड़ पर सफ़ेद लिबास में परियाँ घूमा करती थीं। ये हुस्न-बालाएं एकांत रहिवास का लुत्फ़ उठाने की ग़रज़ से गुमनाम पत्थरों के गाँव में बसर करती थीं। लेकिन कहीं सौंदर्य का मेला लगे, और युवा आँखें न उठें, ये तो मुमकिन नहीं।
पहाड़ों पर मवेशी चराते एक किशोर लड़के ने भौंचक-नैन इस रूप के झरने को निहार लिया। परियों ने लड़के को देखते ही घेर लिया। गुनाह पहला था, और गुनहगार चढ़ती उम्र का मासूम, इसलिए उसे ये चेतावनी देकर छोड़ दिया गया कि वह इन हसीनाओं के बाबत किसी से जिक्र न करे।
लेकिन कोई दुनियाँ की सबसे बेजोड़ खूबसूरती देख ले, और मन पर काबू रख कर किसी से न कहे? लानत है ऐसी जवानी पर!
लड़के ने अपने देखे दृश्य का जिक्र हमनवाओं के बीच कर डाला। वादा तोड़ा।उसे सजा हुई कि हमेशा के लिए "पत्थर के हो जाओ", परिणाम-स्वरुप पत्थर का वह मासूम सनम आज भी वहां खड़ा है।          

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