Sunday, August 8, 2010

बरसात ने रोका

भारत आते ही सबसे पहले अहमदाबाद आया। यहाँ की लगातार बारिश ने मेरा सारा कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया है। अब १५ अगस्त को पहले मैं एक स्कूल में बच्चों से बात करूंगा। उन्हें बहुत सारे पुरस्कार भी दूंगा। फिर अपना तय कार्यक्रम आगे बढेगा।मुझसे कुछ मित्रों ने पूछा है कि शीघ्र प्रकाशित होने वाली पत्रिका किस भाषा में होगी? मैं बतादूँ, पत्रिका हिंदी में ही निकालने की योजना है। पत्रिका में लगभग ३० पेज में सामयिक लेख होंगे। १६ पेज में साहित्य होगा। २ पेज सम्पादक की अपनी बात के लिए होंगे। पत्रिका मासिक होगी। संपादक तन से ज्यादा मन से युवा हो तो ज्यादा अच्छा होगा। क्योंकि उसे पूरी आजादी देकर उसका काम दूर से देखने की योजना है। पत्रिका में कई छोटे-बड़े निर्णयों के लिए संपादन मेज़ पूरी तरह स्वाधीन होगी। रहना जयपुर में होगा। आवास की सुविधा रहेगी। अपने काम के सिलसिले में यात्रा-पसंद व्यक्ति कार्य का ज्यादा आनंद लेसकेगा। कुछ पत्रों में विज्ञापन भी दिया जा रहा है। पत्रिका की संभावित द्रष्टि के बारे में यही कहा जा सकता है कि जीवन की हलचल से सीधे उठाई गयी ताज़ा सामग्री का प्रकाशन हो, अन्य भाषाओं या पत्रिकाओं से तैयार की गयी सामग्री से बचा जाये। ९४१४०२८९३८ पर विस्तार से बात की जा सकती है।

3 comments:

  1. भारत आगमन और नवीन पत्रिका के प्रकाशन के लिए आपको शुभकामनाएं।

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  2. पत्रिका के बारे में विस्तार से बताने के लिए धन्यवाद!

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  3. अच्छी शुरुआत और नेक इरादों के लिए हार्दिक शुभकामनायें ...

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हम मेज़ लगाना सीख गए!

 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

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