आसमान में उड़ती पतंगों की तरह साहित्यकारों की लोकप्रियता भी स्थायी नहीं है। कुछ गिने-चुने कलमकार अवश्य साहित्याकाश पर अपनी लेखनी के कालजयी हस्ताक्षर कर जाते हैं, जो किसी के मिटाये नहीं मिटते।
लेकिन हम बात कर रहे हैं "वर्तमान"रचनाकारों की। वो रचनाकार जो अभी उत्तुंग शिखरों की चढ़ाई में निमग्न हैं, जो अभी सागर की अतल गहराइयों में दुर्लभ खोज की आस में गोते लगा रहे हैं,वो सर्जक जिनके और अच्छे दिन भविष्य के गर्भ में हैं।
लेकिन यदि इस सूची में अपनी जगह बनाने कोई और आएगा तो निश्चित ही वह किसी को हटा कर आएगा।
हमारे अनुसन्धान दल की हथेली पर ऐसे तीन नाम उभर कर आये हैं।
१. महीप सिंह,२. कृष्णा अग्निहोत्री,३. कुसुम अंसल
अब आप बताइये कि क्या आप इन नामों से सहमत हैं?
यदि हाँ, तो इनके लिए सूची में जगह बनाइये। केवल १,२,३, लिखकर उनके आगे वे ३ नंबर लिख दीजिये, जिनकी जगह आप इन्हें मानते हैं। आप तीनों, दो या एक के लिए भी ऐसा कर सकते हैं।
लेकिन हम बात कर रहे हैं "वर्तमान"रचनाकारों की। वो रचनाकार जो अभी उत्तुंग शिखरों की चढ़ाई में निमग्न हैं, जो अभी सागर की अतल गहराइयों में दुर्लभ खोज की आस में गोते लगा रहे हैं,वो सर्जक जिनके और अच्छे दिन भविष्य के गर्भ में हैं।
लेकिन यदि इस सूची में अपनी जगह बनाने कोई और आएगा तो निश्चित ही वह किसी को हटा कर आएगा।
हमारे अनुसन्धान दल की हथेली पर ऐसे तीन नाम उभर कर आये हैं।
१. महीप सिंह,२. कृष्णा अग्निहोत्री,३. कुसुम अंसल
अब आप बताइये कि क्या आप इन नामों से सहमत हैं?
यदि हाँ, तो इनके लिए सूची में जगह बनाइये। केवल १,२,३, लिखकर उनके आगे वे ३ नंबर लिख दीजिये, जिनकी जगह आप इन्हें मानते हैं। आप तीनों, दो या एक के लिए भी ऐसा कर सकते हैं।
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