यह शीर्षक पढ़ने में अच्छा लगता है, पर आसानी से गले नहीं उतरता। जी भर कर सोना, भला किसे नहीं पसंद? दिन-रात के कुल समय में से पूरा का पूरा आधा समय आराम से सोने के लिए मिल जाए, तो फिर और क्या चाहिए। लेकिन कोई बारह घंटे खर्राटे ही भरता रहेगा, तो अपने रोज़ के काम कैसे पूरे करेगा? अब ये कोई कुम्भकरण का ज़माना तो है नहीं।
तो फिर बारह घंटे सोने की बात का क्या मतलब ?
मतलब यह, कि सोना तो सामान्यतः आठ घंटे ही पर्याप्त है, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो हमारे शरीर को नींद के समान ही आराम और सुकून देते हैं, और उन्हें थोड़ा समय देकर हम तरोताजा हो सकते हैं। दिन-भर में आठ घंटे सोने के अलावा इन कामों को भी तीन-चार घंटे दीजिये- [ये काम आप अपने अन्य नियमित कामों के साथ ही कर सकते हैं]
1. थोड़ी देर गुनगुनाइए।
2. अपने को आईने में देखिये।
3. अपने पसंदीदा शख्स को छिप कर या तसवीर में देखिये।
4. भीगिए।
5. अपने पालतू कुत्ते को तंग कीजिये।
6. अपने सबसे पुराने, फेंकने योग्य कपड़े थोड़ी देर फिर पहनिए।
7. तीन-चार घंटे के लिए अपना मोबाइल छिपा दीजिये।
तो फिर बारह घंटे सोने की बात का क्या मतलब ?
मतलब यह, कि सोना तो सामान्यतः आठ घंटे ही पर्याप्त है, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो हमारे शरीर को नींद के समान ही आराम और सुकून देते हैं, और उन्हें थोड़ा समय देकर हम तरोताजा हो सकते हैं। दिन-भर में आठ घंटे सोने के अलावा इन कामों को भी तीन-चार घंटे दीजिये- [ये काम आप अपने अन्य नियमित कामों के साथ ही कर सकते हैं]
1. थोड़ी देर गुनगुनाइए।
2. अपने को आईने में देखिये।
3. अपने पसंदीदा शख्स को छिप कर या तसवीर में देखिये।
4. भीगिए।
5. अपने पालतू कुत्ते को तंग कीजिये।
6. अपने सबसे पुराने, फेंकने योग्य कपड़े थोड़ी देर फिर पहनिए।
7. तीन-चार घंटे के लिए अपना मोबाइल छिपा दीजिये।
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