tag:blogger.com,1999:blog-250151619175042420.post8172775931400263829..comments2024-03-10T00:44:59.532-08:00Comments on Kehna Padta Hai/कहना पड़ता है : ये मत पढ़िए, न तो आपको समझ में आएगा, और न ही अच्छा लगेगा Prabodh Kumar Govilhttp://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-250151619175042420.post-11131335298282831922014-07-24T10:29:17.438-07:002014-07-24T10:29:17.438-07:00Aabhaar! sahi kaha aapne!Aabhaar! sahi kaha aapne!Prabodh Kumar Govilhttps://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-250151619175042420.post-20495363570046638852014-06-07T05:49:16.056-07:002014-06-07T05:49:16.056-07:00प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के बजाय राजनेता जब शान ...प्रशासनिक व्यवस्था सुधारने के बजाय राजनेता जब शान से एक हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा कराते हैं तो दिमाग में यही बात आती है कि अगर हर छोटा-बड़ा बच्चा-बच्ची हर समय अपने साथ एक चलता हुआ फोन, फूल सिग्नल के साथ रख भी ले और हेल्पलाइन उसके संकटकाल में सदा खाली ही हो तो भी, कॉल लेने के बाद तो उसी लापता प्रशासन की ढूंढ पड़ेगी जो हेल्पलाइन से पहले भी नहीं है और बाद में भी नहीं बनाया जा रहा ... अफसोस, आपकी बात न तो वर्तमान प्रशासकों को समझ आएगी और न अच्छी लगेगी। Smart Indian - अनुराग शर्माhttps://www.blogger.com/profile/00609348818544161042noreply@blogger.com