Thursday, October 29, 2015

ये अच्छा है या बुरा?

जब किसी दर्द के इलाज के लिए आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर इलाज से पहले आपके दर्द वाले स्थान को हिलाकर , सहलाकर , दबाकर , पकड़कर या  खरोंच कर और बढ़ा देता है।
इस समय रोगी की मनोदशा सतरंगी हो सकती है-
१. ये दर्द मिटा रहा है या और बढ़ा रहा है?
२. इसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा, क्या इलाज करेगा?
३. ध्यान से देख तो रहा है, निदान करेगा।
४. हिसाब लगा रहा है, कौन-कौन से टेस्ट कराये जा सकते हैं?
५. बढ़िया डॉक्टर है।
६. पड़ौसी ठीक कहता था, ज़रा समय लगाएगा पर दर्द छूमंतर कर देगा।
७. इसका तो हाथ लगते ही दर्द गायब हो गया?
रोगी कोई भी हो सकता है-इंसान, जानवर या देश !   

1 comment:

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 ये एक ज़रूरी बात थी। चाहे सरल शब्दों में हम इसे विज्ञापन कहें या प्रचार, लेकिन ये निहायत ज़रूरी था कि हम परोसना सीखें। एक कहावत है कि भोजन ...

Lokpriy ...